कुसमुंडा में रेत खनन के नाम पर अवैध वसूली का चल रहा खेल, तथाकथित पत्रकार भी नही पीछे

कोरबा / 13 मई 2024 / मंगलवार / जीवनदायनी नदियों में अवैध रेत उत्खनन का कार्य जोर शोर से चल रहा है। कहीं संबंधित विभाग कार्यवाही कर रहा है, और जहां कार्यवाही नही हो रही वहां क्षेत्रीय स्तर के कॉपी पेस्ट करने वाले और खुद को चौथा स्तंभ बताने वाले तथाकथित पत्रकार वसूली कर रहे हैं। सीमेंट से जुड़े सभी निर्माण कार्यों में रेत की आवश्यकता पड़ती है। जिले में अधिकांश घाटों में रेत घाट नहीं खुलने से क्षेत्रीय स्तर पर बड़े पैमाने पर अवैध रेत खनन और परिवहन किया जाता है। चुकीं बिना रॉयल्टी के नदी से रेत खनन और परिवहन अवैध और अपराध माना जाता है इसलिए इसका फायदा तथाकथित छूट भईये वसूली बाज पत्रकार उठाते हैं ये और फर्जी पत्रकार उठाते हैं। इसी वसूली के चक्कर में पत्रकारिता की मर्यादा को भूल जाते हैं। कभी खुद रेत भरे ट्रेक्टर को रोक देते हैं, ट्रेक्टर चला रहे चालकों को थाना पुलिस और खनिज अधिकारियों की धमकी देते रहते हैं। ऐसे में चालक और ट्रेक्टर मालिक कार्यवाही के डर से २०० से ५०० रुपए कभी कभी १००० रुपए तक इन वसूली बाज पत्रकारों को उपलब्ध करा देते है। ये वसूली बाज पत्रकार यहीं नहीं थमते, जब बार बार कहने पर इन्हें पैसे नहीं मिलते तो ये वसूली बाज पत्रकार वसूली के चक्कर में घरों में खड़ी खाली ट्रेक्टर तक की तस्वीर खींच कर उन पर अवैध रेत परिवहन का आरोप लगा देते है। ट्रैक्टर मालिकों को धमकी देते हैं। अवैध कार्यों को उजागर करना एक अच्छे और सच्चे पत्रकार का कर्तव्य है लेकिन अवैध कार्यों को उजागर करने की आड़ में वसूली करना एक फर्जी पत्रकार की पहचान है। ऐसे पत्रकार नहीं पत्रकारिता को कलंकित करते हैं बल्कि समाज में पत्रकारों के प्रति पहले विश्वास को भी डगमगाने का कार्य करते हैं। वर्तमान समय में क्षेत्र की समस्याओं, गलत के खिलाफ आवाज को उठाने वाले पत्रकार भी है, जो संगठित रूप से कार्य कर रहे हैं, ऐसे वसूली पत्रकारों को कोई अपने संगठन में स्थान भी नहीं दे रहा,ये अलग थलग है और इनका मुख्य कार्य केवल वसूली ही है। ऐसे वसूली बाज पत्रकारों के खिलाफ लोगों को आवाज उठाते हुए शिकायत करने की आवश्यकता है,जिससे इसकी दुकान बंद हो। वहीं शासन प्रशासन को भी चाहिए कि अवैध कार्यों में लिप्त लोगों चाहे वो ट्रेक्टर चालक या मालिक हो उनके खिलाफ भी कार्यवाही करने आवश्यकता है।