कोरबा के लिए शुरू हुई नए ट्रैफिक प्रभारी की खोज, 5 महीने बाकी है जांगड़े का कार्यकाल

कोरबा : औद्योगिक शहर कोरबा में वाहनों के दबाव के साथ कई प्रकार की चुनौतियां बढ़ रही है। इसके कारण ट्रैफिक की समस्या का विस्तार हो रहा है। सरकार ने ट्रैफिक से जुड़े मसले के लिए यहां डीएसपी ट्रैफिक का पद स्वीकृत किया है। इसके अलावा मैदानी अमले की व्यवस्था भी दी है। अब कोरबा में ट्रैफिक प्रभारी कौन होगा, इसके लिए खोज शुरू हो गई है।
कोरबा में लंबे समय तक डीएसपी ट्रैफिक का कामकाज संभालने वाले परिहार विवादों में फंसने के बाद स्थानांतरित कर दिए गए। उनके बाद इस विभाग की कमान सब इंस्पेक्टर गोवर्धन मांझी को दी गई। सितंबर 2024 तक उनका कार्यकाल रहा। उन्होंने उपलब्ध संसाधन के साथ शहरी क्षेत्र में ट्रैफिक को बेहतर करने के लिए प्रयास किया।
ट्रैफिक से संबंधित उच्च स्तरीय व्यवस्था के संपादन के लिए पुलिस अधीक्षक में एडिशनल एसपी नेहा वर्मा को दायित्व दिया है जबकि मैदानी स्तर पर कामकाज की जिम्मेदारी फिलहाल सब इंस्पेक्टर मालिक राम जांगड़े को मिली हुई है। उनका कार्यकाल भी केवल 5 महीने का बचा है। इस तरह से वर्ष 2025 के 4 महीने तक वे विभाग में अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर सकेंगे। खबर के मुताबिक मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए कोरबा क्षेत्र के लिए नए ट्रैफिक प्रभारी की तलाश तेज हो गई है। क्षेत्र की संरचना और कई प्रकार की चुनौतियां को ध्यान में रख व्यवस्था को कैसे संभाला जाए , इस पर पुलिस विभाग का फोकस है।
केंद्र सरकार ने वैसे ही कोरबा को आकांक्षी जिले में शामिल किया है और कई प्रकार की योजनाओं के लिए इसका नाम ऊपर है। जब सभी चीजों को बेहतर करने की जरूरत महसूस की जाती है तो इसमें ट्रैफिक से संबंधित व्यवस्थाओं का भी ध्यान रखा जाना अपरिहार्य हो जाता है। बताया गया कि प्रति व्यक्ति आमदनी के मामले में कोरबा जिला छत्तीसगढ़ में टॉप फाइव में शामिल है और यही एक कारण है कि यहां हर महीने दो पहिया से लेकर चार पहिया समेत भारी वाहनों की खरीदी में तेजी आ रही है ट्रैफिक से जुड़े जानकारी बताते हैं कि बड़ी संख्या में वाहनों के सडक़ों पर उतरने से कई प्रकार के चैलेंज सामने आते हैं और उनके समाधान के लिए नए रास्ते भी तलाशने होते हैं।