कोरबा: चुनाव के बाद शुरु हुआ कब्जे का खेल, काटे जा रहे हरे-भरे जंगल, खतरे में ऑक्सीजन जोन

कोरबा में शहर के मध्य घंटाघर से लगे ऑक्सीजन जोन कहे जाने वाले हेलीपैड नर्सरी में अवैध कब्जाधारियों की नजर पड़ी हुई है जहां लोग सामाजिक संस्था के नाम से कब्जा कर रहे हैं वहीं कई अवैध कब्जा धारी अवैध रूप से मकान निर्माण कर रहे हैं इतना ही नहीं हरे भरे पेड़ काटकर जंगल के अंदर निर्माण किया जा रहा है ऐसे ही कब्जा की सूचना पर वार्ड पार्षद पति शैलेंद्र सिंह पपी मौके पर पहुंचे जहां उसने इसकी सूचना तत्काल नगर निगम के अधिकारियों को दी इसके अलावा एसईसीएल प्रबंधन को दी गई।जहां सभी मौके पर पहुंचे इस दौरान देखा गया कि कुछ कब्जाधारी मुंह पर गमछा और पट्टी बांधकर कब्जा करने पहुंचे हुए थे जिनका कहना था कि वह संजय नगर फाटक के पास के रहने वाले हैं और उन्हें रेलवे के द्वारा हटा दिया गया है उनके मकान को तोड़ दिया गया है लेकिन किसी तरह की उसके आवाज में उन्हें पुनर्वास और रहने की व्यवस्था नहीं दी गई है जिसके कारण यह कब्जा करने आए हुए हैं।
ऐसे में सवाल उठता है कि अगर कब्जाधारी इस पर कब्जा कर तो सैकड़ो हरे-भरे पेड़ कट जाएंगे और ऑक्सीजन जोन खत्म हो जाएगा।नगर निगम के अधिकारी मौके पर पहुंचे और अवैध कब्जाधारियों को समझाइए से देने लगे उनका कहना था कि यह ऑक्सीजन जोन है और उन्हें अगर मकान चाहिए तो शासन से मिलने वाली योजना के तहत दादर में हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी बनाया गया है जिस पर आप फॉर्म भरकर मकान उपलब्ध कर सकते हैं। लेकिन उसके बावजूद भी अवैध कब्जाधारी अपने हरकतों से बात नहीं आ रहे थे जहां कार्रवाई करने की बात कहने पर सभी उल्टे वापस चले गए।वार्ड पार्षद पति शैलेंद्र सिंह ने बताया कि इससे पहले कार्यकाल में भी वो पार्षद थे और अभी भी उनकी पत्नी पार्षद चुनाव जीती है इस नर्सरी और जंगल को बचाने के लिए उसने इससे पहले भी आंदोलन छोड़ा था जहां अवैध कब्जाधारियों को यहां से हटाया गया था शिकायत करने के बाद उन पर कार्रवाई की गई थी लेकिन फिर से चुनाव खत्म होने के बाद अवैध कब्जा का खेल शुरू हो गया है और हरे भरे पेड़ काटे जा रहे हैं इसकी शिकायत उसने कलेक्टर एसपी और एसईसीएल प्रबंधन से करने की बात कही है इसके लिए वह आंदोलन भी करने को तैयार है।
हेलीपैड नर्सरी जंगल नगर निगम निगम और एसईसीएल दोनों के अधीन है जहां शैगोंन के अलावा कई हरे भरे पेड़ लगाए गए हैं।इस तरह के विरोध और शिकायत के बावजूद भी कई अवैध कब्जाधारियों ने रातों-रात मकान बना दी हैं वहीं इसके अलावा कई लोगों बने सामाजिक संगठन है के नाम से बैनर लगाए हुए हैं वही कब्जा करने का प्रयास कर रहे हैं अगर समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो निश्चित ही आने वाले समय में कब्जा होगा और कई हरे भरे पेड़ काटे जाएंगे। कुछ साल पहले इस नर्सरी के अंदर किए गए अवैध कब्जा की शिकायत पर नगर निगम की टीम ने बुलडोजर चलाया था जिस पर विरोध के बाद कई मकान तोड़े गए थे लेकिन इसके बावजूद भी अब फिर से कब्जा सक्रिय नजर आ रहे हैं ऐसे में नगर निगम और एसईसीएल प्रबंधन को इसे सुरक्षित कर ध्यान देने की जरूरत है।